Acidity / अँसिडीटी / पित्त / बदहज़मी
(Post By V.M. DESAI)
Acidity
is related to heartburn and gas formation in the stomach.
Causes
of Hyper-acidity:
·
Excess production of acids in the
stomach is termed as the hyper-acidity. There are varieties of reasons which
cause excess acid production, and the most reasons among these are:
1.
Excessive use of oily and spicy
foods.
2.
Anxiety, depression, and anger.
3.
Irregular eating habits.
4.
Consumption of Maida (all purpose
flour) products in large quantity.
5.
Eating excessive raw leafy
vegetables. (*Always eat half to your tummy, try to limit 2 meals a day).
6.
Sleeping just after taking a meal.
7.
Not to sleep in the night, long
working hours.
8.
Excessive intake of caffeine and
nicotine products.
9.
Constipation.
10.
Carbonated drinks.
11.
Foods rich in fats such as chocolates
cause acidity.
12.
Excessive intake of alcohol, smoking,
keeping the stomach empty for a long time, skipping breakfast causes acidity.
13.
Other causes of acidity or heartburn
are pregnancy, aging, obesity, and bad eating habit, like eating junk foods.
Home remedy to Acidity:
Acidity, it is said, is worse than Cancer. It is one of the most common dis-ease people encounter in their daily life.
The home remedy for Acidity are Yogurt, *Buttermilk (no direct milk though),
*Watermelon juice, *Pomegranate,
*Aloe-Vera juice, *Amla juice, Almond Milk, *Coconut water,
*Eat Tulsi / Basil leaves. Take
*Triphala before bed.
*Keep your colon pipes clean every day.
*Drink more of copper water.
*Daily do pranayama and kapalbhati (gently, not intensively) in morning and evening. Another good remedy for Acidity is Raw Grains of Rice. The Process: 1. Take 8 - 10 grains of raw uncooked rice 2. Swallow it with water before having your breakfast or eating anything in the morning 3. Do this for 21 days to see effective results and continuously for 3 months to eliminate acidity from the body The Cure: Reduces acid levels in the body and makes you feel better by the day.
*AVOID animal products completely milk, eggs, all kinds of meats and alcohol.
अॅसिडीटी आणि पोटाची समस्या :
काहीही खाल्ल्यानंतर बऱ्याच लोकांना पोटात जळजळ होण्यास सुरूवात होते. खासकरून जास्त मिरची मसाला खाल्यानंतर अशी समस्या सहज उद्भवते. ज्यांना अॅसिडीटी किंवा गॅसची समस्या होते. त्यांच्या पोटात नेहमी उष्णता असते. पोटातली उष्णतेची समस्या इतकी वाढते की रूटीन लाईफ देखी डिस्टर्ब होते.
छातीत आणि पोटात जळजळ होण्याचं मुख्य कारण म्हणजे अन्न पचनक्रियेसाठी तयार होणाऱ्या रसाची अनियमितता आहे. मात्र आपल्या किचनमध्ये असे काही पदार्थ आहेत जे खाल्ल्यास केवळ आपल्या पोटातली जळजळच नाही तर पोटांशी संबंधित अनेक समस्या दूर होतात. खासकरून पोटातली जळजळ ही १० मिनिटांच्या आता घरगुती उपायामुळे ठिक होते. जाणून घेऊया काय आहेत ते घरगुती
अॅसिडीटी आणि पोटाची समस्या दूर करण्यासाठी या घरगुती गोष्टींचा प्रयोग करा.
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remedies for treating acidity – बदहजमी दूर करने के घरेलू उपाय
Ashwaghanda
-अश्वगंधा
इस जड़ीबूटी के सेवन से शरीर में तनाव के स्तर को संतुलित
किया जा सकता है, जिसे
नज़रंदाज़ करने पर हाजमे की प्रक्रिया बाधित होती है। अतः यह बेचैनी एवं तनाव संबंधी
बदहज़मी को दूर करने में अश्वगंधा प्रभावी साबित होती है।
किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलकर अपने लिए सही खुराक जानें।
Warm water –
गर्म पानी
अच्छी पाचन प्रक्रिया एवं स्वास्थ्य के लिए हमेशा गर्म
पानी का सेवन करें। गर्म पानी को पीने का सबसे अच्छा समय
भोजन से आधे घंटे पहले या बाद में है। बदहज़मी से बचने के लिए खाने के बीच में पानी
पीने से परहेज करें।
Meditation –
ध्यान
मस्तिष्क को शांत करने एवं शरीर में पाचन एंजाइम्स (digestive
enzymes) की
मात्रा में वृद्धि करने के लिए ध्यान करें। नियमित रूप से ध्यान
करने पर बदहज़मी दूर होती है एवं शरीर स्वस्थ रहता है।
Ajwain – अजवायन / ओवा
अजवायन की 3-4 पत्तियां तोड़ें एवं बदहज़मी
दूर करने के लिए इन्हें चबाएं। यह नुस्खा आपकी समस्या को चुटकी में दूर कर देता है, अतः बदहज़मी के लक्षणों से
बचने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
एका पॅनमध्ये ओवा गरम करून त्याची पावडर तयार करा. यात काळं मीठ मिसळा. हे खाल्ल्यानंतर गरम पाण्यातून घेतल्यानं पोटातली उष्णता आणि अॅसिडीटी दूर होते. ओव्यात असलेले थायमॉल आणि काळ्या मीठात अल्केलाइड्स असतात.
Hing – हींग
बदहजमी एवं गैस से बचने के लिए अपने भोजन में हींग डालें।
एक चुटकी हींग आपकी सभी बदहजमी संबंधी
समस्याओं का अचूक उपाय होती है।
Acupressure – एक्यूप्रेशर
अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से अपने बाईं हथेली पर अंगूठे
एवं तर्जनी के बीच दबाव डालें। यह हाजमे की समस्या को दूर करने की एक प्रसिद्द
पद्दति है। प्रत्येक दिन 5 से 10 मिनट तक इसका दिन में दो
बार अभ्यास करें।
Fennel – सौंफ / बडीशेप
सौंफ काफी बेहतरीन घरेलू नुस्खों में से एक है जो सीने में जलन
की समस्या एवं बदहज़मी में ठंडक का अहसास देता है तथा आसानी से इस समस्या को दूर कर
देता है। आप चाय में भी सौंफ का सेवन कर सकते हैं तथा इससे आपकी पाचन प्रणाली को
ठंडक मिलती है एवं बदहज़मी और गैस की समस्या दूर होती है। सौंफ में मौजूद तेल भी
बदहज़मी से राहत प्रदान करने का अचूक नुस्खा होता है। आप एक चम्मच सौंफ को खाने के
बाद चबाकर भी बदहज़मी संबंधी समस्याएं दूर कर सकते हैं।
बडीशेपचं पाणी
१ कप उकळलेल्या पाण्यात १ चमचा बडीशेप मिसळून रातभर ठेवून द्या. सकाळी ते गाळून आणि त्यात एक चमचा मध मिसळून ते पाणी प्यावं. हे पाणी दिवसभरात ३ वेळा प्यायल्यानं पोटातली उष्णात आणि अॅसिडीटीची समस्या दूर होते. यामुळे पोट फुगणं आणि गॅसची समस्या दूर होते.
Cinnamon – दालचीनी
दालचीनी काफी मात्रा में प्रयुक्त मसालों में से एक है तथा
इसका प्रयोग बदहज़मी दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। यह सोखने की क्षमता में
वृद्धि करता है एवं हाज़मे की दर को बढ़ाता है। रोज़ाना दालचीनी की चाय पीने से, जो आप थोड़े से पानी में एक
इंच दालचीनी को 10 मिनट तक उबालकर बना सकते हैं, आँतों में मौजूद किसी भी
संक्रमण से मुक्ति पायी जा सकती है।
Onion juice
– प्याज का रस
हालांकि इस नुस्खे का प्रयोग काफी दुर्गन्धयुक्त है, पर प्याज का रस बदहज़मी दूर
करने की सबसे बेहतरीन तरकीबों में से एक है। प्याज़ में भरपूर मात्रा में इनुलिन (Inulin)
होते
हैं। यह खाद्य फाइबर मानव आँतों में पाए जाने वाले स्वास्थ्यकर जीवाणुओं का
बेहतरीन स्त्रोत होता है। इनुलिन पेट साफ़ करने में मदद करता है एवं पेट के स्वस्थ
जीवाणुओं की बढ़त में सहायता करके बदहज़मी तथा पाचन प्रणाली से राहत प्रदान करता है।
Aloe Vera – एलो वेरा
कई लोगों को पता होगा कि एलो वेरा बदहज़मी की समस्या को दूर करने में काफी प्रभावी होता है। यदि आप अपनी बदहज़मी की समस्या को स्थायी तौर पर दूर करना चाहते हैं तो रोज़ाना भोजन करने से पहले एलो वेरा का रस पिएं।
Cabbage juice – बंदगोभी का रस
सब्ज़ियों के बाज़ार में बंदगोभी काफी आसानी से मिल जाती है। आप मिक्सर में कटी हुई बंदगोभी डालकर इसका रस निकाल लें। अब गाजर को छोटे टुकड़ों में काटें एवं मिक्सर की सहायता से इसका रस बनाएं। आप या तो रोज़ाना एक कप गाजर का रस पीकर बदहज़मी दूर कर सकते हैं या फिर बंदगोभी के रस का सेवन जारी रख सकते हैं।
Honey – शहद
शहद एक प्राकृतिक रूप से उपलब्ध उत्पाद है एवं सभी घरों में आसानी से उपलब्ध होता है। शहद में कई औषधीय गुण होते हैं, अतः यह एक व्यक्ति की भोजन नली की बाहरी रेखा की मरम्मत करने में काफी प्रभावी सिद्ध होता है। रोज़ाना सोने जाने से पहले 2 चम्मच शहद का सेवन करें।
Ginger extract – अदरक के अंश
यह भारतीय रसोइयों में पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है। अदरक के टुकड़ों को तोड़कर इसका रस निकाल लें। अब नींबू से थोड़ा रस निकालकर एक छोटे पात्र में रखें और दोनों को अच्छे से मिश्रित कर लें। इसका एक गूदा बना लें एवं इसका सेवन करें।
आल्याचा रस
आल्याचा रस देखील पोटातली उष्णता आणि जळजळ ठिक करण्यासाठी उपयुक्त ठरतं. लिंबू आणि मधात आल्याचा रस मिसळून पाणी प्यायल्यानं पोटातली जळजळ थांबते. याव्यतिरिक्त आल्याच्या रसात एंटीबॅक्टीरिअल गुण देखील असतात. त्यासाठी हे पोटातील असलेल्या हानिकारक बॅक्टेरिया मारतो.
Papaya – पपीता
पपीते में पपेन (papain) नामक एंजाइम काफी मात्रा में होता है। यह प्रोटीन को घोलने में काफी प्रभावी सिद्ध होता है। आमतौर पर इसका सेवन खाने के बाद किया जाता है क्योंकि यह आपकी पाचन क्षमता में काफी वृद्धि करता है। आप काफी आसानी से इसे अपने पास के सब्ज़ी बाज़ार से प्राप्त कर सकते हैं। यह कब्ज़ की समस्या दूर करने में भी काफी फायदेमंद होता है।
Bananas – केले
केले पोटैशियम (potassium) से भरपूर होते हैं और पेट में अम्ल के उत्पादन को नियंत्रित करने एवं शरीर को पेट में म्यूकस (mucous) के अधिक उत्पादन के हानिकारक प्रभावों से बचाने में सहायता करते हैं। केला इसमें मौजूद फाइबर (fiber) की मदद से अपच और बदहज़मी को दूर करता है। बदहज़मी से मुक्ति प्राप्त करने के लिए केले का सेवन करें।
Tulsi – तुलसी
तुलसी पेट में म्यूकस के उत्पादन को कम करने में सहायता करती है। इसमें पेट में उत्पादित रसों का हानिकारक प्रभाव कम करने के गुण होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को पेट के ऊपरी हिस्से में बेचैनी या जलन का अहसास हो तो उसे तुरंत तुलसी का सेवन करना चाहिए।
Cold milk – ठंडा दूध
ठंडा दूध बदहज़मी के लक्षणों से काफी प्रभावी रूप से आराम प्रदान करता है। दूध कैल्शियम (calcium) से भरपूर होता है। यह अम्ल के उत्पादन को रोकता है एवं पेट में बनने वाले अतिरिक्त एसिड को सोख लेता है। बिना चीनी के एक गिलास ठंडा दूध बदहज़मी से तुरंत राहत प्रदान करता है। यदि दूध में एक चम्मच घी भी डाल दिया जाए तो यह उपचार और भी प्रभावी हो जाता है।
Jeera or cumin seeds – जीरा
जीरा आपके मुंह में थूक के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करके पाचन क्रिया में सहायता करता है। यह मेटाबॉलिज़्म (metabolism) में भी वृद्धि करता है तथा गैस की समस्याओं से राहत प्रदान करता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार जीरे में सीने की जलन को दूर करने के बेहतरीन गुण होते हैं। एक चम्मच जीरे का सेवन थोड़े से पानी के साथ करें, या फिर जीरे को उबालकर इस पानी को ठंडा करके पिएं।
Clove – लौंग
लौंग हाज़मे में सहायक होती है एवं बदहज़मी के लक्षणों को कम करती है। लौंग में मौजूद पोषक पदार्थ भोजन को पेट से आँतों तक ले जाने में सहायता करते हैं। एक लौंग लेकर इसे चबाते रहें एवं सीने में जलन से राहत प्राप्त करने के लिए इसके रस को निगल लें।
Cardamom or Elaichi – इलाइची
इलाइची में आयुर्वेदिक साहित्य के अनुसार तीन दोषों, अर्थात वात, पित्त एवं कफ, को संतुलित करने के गुण होते हैं।इलाइची पाचन की प्रक्रिया सुचारू बनाती है एवं पेट के मरोड़ों से राहत प्रदान करती है। इलाइची के उबाले हुए पानी को पीने से बदहज़मी की समस्या में तुरंत आराम मिलता है।
Mint or pudina leaves – पुदीने की
पत्तियां
पुदीने की पत्तियां पेट में एसिड के उत्पादन को धीमा करके पाचन में सहायता करती हैं। पुदीने के ठंडे प्रभाव से पेट की जलन एवं दर्द में काफी आराम मिलता है।
Amla – आंवला
आयुर्वेद के अनुसार, आंवले में कफ एवं पित्त को संतुलित करने के गुण होते हैं एवं यह कैल्शियम का काफी अच्छा स्त्रोत होता है जो खाद्य नली एवं पेट के क्षतिग्रस्त भागों को ठीक करने में सहायक होता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच आंवला पाउडर दिन में दो बार लें।
Jaggery – गुड़ / गुळ
खाने के बाद गुड़ का छोटा सा टुकड़ा खा लेने से बदहज़मी में काफी राहत मिलती है।
जेवण झाल्यानंतर जरूर गुळ खा
जर का तुमच्या पोटात जळजळ होत असेल तर दररोज जेवण झाल्यानंतर गुळ खावा. गुळ खायचा नाही तर तो काही वेळासाठी तोंडात ठेवायचा. मग त्यानंतर जेणेकरून तो तोंडात विरघळेल. या प्रक्रिया जेवढी हळू होईल तेवढा त्याचा फायदा जास्त होईल. यामुळे पोटाची पचनक्रियेची क्षमता वाढते आणि जळजळ होण्याची समस्या दूर होते.
Coconut water – नारियल पानी
नारियल पानी में शारीरिक प्रणाली को ठंडा करके बदहज़मी तथा सीने में जलन से तुरंत राहत प्रदान करने के गुण होते हैं।
Pomegranate – अनार
अनार का रस सीने में जलन एवं बदहज़मी की सभी समस्याओं का जाना माना उपचार है।
Turmeric – हल्दी
हल्दी एक एंटीसेप्टिक (antiseptic) है एवं बदहज़मी की सभी समस्याओं का श्रेष्ठ इलाज है। आप हल्दी का सेवन इसके कच्चे रूप में या एक गिलास दूध में इसका पाउडर मिश्रित करके कर सकते हैं।
Pumpkin juice – कद्दू का रस
थोड़ी सी चीनी के साथ कद्दू का रस बदहज़मी एवं सीने में जलन को कम करने में मदद करता है।
Garlic – लहसुन
लहसुन सीने में जलन एवं गैस तथा बदहज़मी से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने में काफी प्रभावी सिद्ध होता है।
Apple cider vinegar – सेब का
सिरका
सेब के सिरके, शहद एवं पानी का मिश्रण बदहज़मी कम करने में काफी सहायता करता है।
Water melon and cucumber – तरबूज़ या
खीरा
तरबूज़ या खीरा आपकी पाचन प्रणाली को ठंडक का अहसास प्रदान करते हैं, जिसके फ़लस्वरूप आपको बदहज़मी के फलस्वरूप पेट के ऊपरी हिस्से में हुई जलन से राहत मिलती है।
Basil leaves – तुलसी के पत्ते
आपके आसपास आपको काफी आसानी से तुलसी के पत्ते मिल जाएंगे। अधिकतर भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होता है, क्योंकि इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। आप इस पौधे के कुछ पत्ते तोड़कर बदहज़मी दूर कर सकते हैं। थोड़ी सी तुलसी की पत्तियां लेकर और इन्हें धोकर चबा लें। इन्हें सीधे ना निगलें, बल्कि अच्छे से चबाकर निगलें। वैकल्पिक रूप से, आप तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर एवं इसमें शहद मिश्रित करके इसका सेवन कर सकते हैं।
Butter milk – छाछ
हममें से कई लोगों को पता नहीं है कि छाछ भी बदहज़मी या पेट में गड़बड़ी का बढ़िया उपचार माना जाता है। एक गिलास सादा छाछ लें और इसमें एक चम्मच धनिया पाउडर एवं थोड़ी सी काली मिर्च डाल लें। इन्हें मिश्रित करें और इसका सेवन करें। छाछ में लैक्टिक एसिड (lactic
acid) होता है, जो पेट की बदहज़मी दूर करने में सहायक होता है।
पोटातली उष्णता दूर करण्यासाठी टोमॅटो खूप फायदेशीर आहे. कच्च टोमॅटो आपल्या डाएटमध्ये दररोज घ्या. यामुळे अॅसिडीटी आणि पोटाची जळजळ या समस्या उद्भवत नाहीत. टोमॅटो शरीरातील पाण्याचं प्रमाण वाढवतात. अशाच प्रकारे संत्र देखील काम करतं.
Mustard – सरसों
आप सरसों के घरेलू नुस्खे का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसमें एसिड की मात्रा काफी कम होती है एवं ये खनिज पदार्थों से भरपूर होते हैं। इसके कड़े स्वाद के कारण आपके शरीर के मेटाबॉलिज़्म में वृद्धि होगी। यह स्वाद आपके गले तक भी जाएगा। यह आसानी से आपको बदहज़मी से राहत दिलाने का काफी अच्छा उपाय है।
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